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आज हर कोई आरक्षण हटाने को बात करने लगता हैं। चारो तरफ आरक्षण हटाने की बात की जा रही हैं। और कुछ लोग आरक्षण लेने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। जैसा कि इस समय गुजरात में आदोलन चल रहा हैं। कुछ नेता किसी न किसी बहाने आरक्षण के मुद्दे को इसी तरह उछाले रखना चाहते हैं ताकि अपनी राजनीति की रोटियां सेक सके।
लोगो को ये समझना चाहिए कि जिन लोगो को आरक्षण दिया गया था, वो लोग एेसे वर्ग(दलित) के लोग थे जिनका हजारो सालो तक शोषण किया गया था। जब देश आजाद हुआ तब उन्हे आरक्षण दिया गया ताकि वो लोग समाज में अपनी एक पहचान बना सके। आज भी गांवो में ज्यादातर आवादी दलितो की रह रही हैं। क्योकि वो अपना विकास नही कर सके है। जब आरक्षण दिया गया था तब बहुत ही कम दलित समाज पढ़ा-लिखा था, जिस वजह से बहुत ही कम लोग सरकारी नौकरियों में जा सके। उस समय दलित वर्ग के जो लोग नौकरियां हासिल कर लिए थे उन्होने कुछ हद तक तरक्की की और अपने बच्चो को पढ़ा- लिखा सके। आज भी हमारे समाज में दलितो का शोषण हो रहा हैं, जिसकी खबरे समय-समय पर मीडिया में आती रहती हैं। दलितो के पास तो बिजनिस करने के लिए पैसे उस समय थे नही जो बिजनिस करते। उनके माता-पिता ने पेट काटकर, एक समय का खाना खाकर उन्हे पढ़ाया लिखाया। आज जब वो अपना हक हासिल करने लायक हुए हैं तो लोग उनसे उनका हक छीड़ने की बात कर रहे हैं। जब देश आजाद हुआ था तब गैर दलित वर्ग के हिस्से हजारो एकड़ जमीन आई थी, और दलितो के हिस्से आरक्षण आया था। उन्ही जमीनो की वजह से आज गैर दलित वर्ग के लोग बडे़- बड़े बिजनिस मैन बन गये है। क्या ये सभी लोग अपनी जमीने छोड़ेगे ?? शायद नही ! तो फिर हम अपना हक कैसे छोड़ दे ????
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